Thursday, November 1, 2007

इरफान...


कुछ खुश्क आंसू होटों को छू गए
इंतज़ार लम्बा है, केह रही थी आँखें
पर लब समझ न पाए आँखों की बात
वोह कापते गए,
रटते गए आपका नाम:
इरफान, इरफान, इरफान,
और हम इंतज़ार करते गए,
उस संदेसे का,
जिसपे लिखा होगा आपका नाम:
इरफान, इरफान, इरफान...

1 comment:

Anonymous said...

Subhanallah...
Don't worry, you love Irfan so much, I'm sure you will meet him one day, and he will receive you very well, inshaallah.